NOT KNOWN FACTS ABOUT HINDI STORY

Not known Facts About hindi story

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एक दिन की बात है रितेश को स्कूल के लिए देरी हो रही थी। वह घास नहीं ला सका, और स्कूल चला गया। जब स्कूल से आया तो खरगोश अपने घर में नहीं था। रितेश ने खूब ढूंढा परंतु कहीं नहीं मिला। सब लोगों से पूछा मगर खरगोश कहीं भी नहीं मिला।

गर्मी के दिन थे। बादशाह ने उसी फाल्गुन में सलीमा से नई शादी की थी। सल्तनत के सब झंझटों से दूर रहकर नई दुलहिन के साथ प्रेम और आनंद की कलोलें करने, वह सलीमा को लेकर कश्मीर के दौलतख़ाने में चले आए थे। रात दूध में नहा रही थी। दूर के पहाड़ों की चोटियाँ चतुरसेन शास्त्री

आज मिस्टर शामनाथ के घर चीफ़ की दावत थी। शामनाथ और उनकी धर्मपत्नी को पसीना पोंछने की फ़ुर्सत न थी। पत्नी ड्रेसिंग गाउन पहने, उलझे हुए बालों का जूड़ा बनाए मुँह पर फैली हुई सुर्ख़ी और पाउडर को मले और मिस्टर शामनाथ सिगरेट पर सिगरेट फूँकते हुए चीज़ों की भीष्म साहनी

मोती ने गाय को गले लगा लिया, बचाने के लिए धन्यवाद कहा।

मोरल – लक्ष्य कितना भी बड़ा हो निरंतर संघर्ष करने से अवश्य प्राप्त होता है।

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Ethical of this short hindi story – Exertions with smartness is The true secret to achievement. Normally focus on wise get the job done.

वह इस समय दूसरे कमरे में बेहोश पड़ा है। आज मैंने उसकी शराब में कोई चीज़ मिला दी थी कि ख़ाली शराब वह शरबत की तरह गट-गट पी जाता है और उस पर कोई ख़ास असर नहीं होता। आँखों में लाल ढोरे-से झूलने लगते हैं, माथे की शिकनें पसीने में भीगकर दमक उठती हैं, होंठों कृष्ण बलदेव वैद

कोई भी पाठक, जैसे ही इस कहानी को पढ़ना शुरू करता है वो इसकी विवरणात्मकता और व्यंजना more info के जादू से बंध कर रह जाता है.

'बिना फेरे घोड़ा बिगड़ता है और बिना लड़े सिपाही.'

(एक) बड़े-बड़े शहरों के इक्के-गाड़ी वालों की ज़बान के कोड़ों से जिनकी पीठ छिल गई है, और कान पक गए हैं, उनसे हमारी प्रार्थना है कि अमृतसर के बंबूकार्ट वालों की बोली का मरहम लगावें। जब बड़े-बड़े शहरों की चौड़ी सड़कों पर घोड़े की पीठ चाबुक से धुनते हुए, इक्के वाले चंद्रधर शर्मा गुलेरी



एक दिन राजा के नौकर ने ब्राह्मण से बक्शीश मांगी। ब्राह्मण कोई जवाब दिए बिना वहां से चला गया। नौकर ने ब्राह्मण को सबक सिखाने की ठानी। अगले दिन नौकर ने ब्राह्मण से कहा की राजा तुम से नाराज हैं क्योंकि उन्हें तुम्हारे मुँह से दुर्गन्ध आती है। ब्राह्मण घबरा गया और अगली बार राजा से मिलने अपने नाक मुँह पर कपड़ा रख कर गया।

रानी एक चींटी का नाम है जो अपने दल से भटक चुकी है। घर का रास्ता नहीं मिलने के कारण , वह काफी देर से परेशान हो रही थी। रानी के घर वाले एक सीध में जा रहे थे। तभी जोर की हवा चली, सभी बिखर गए। रानी भी अपने परिवार से दूर हो गई। वह अपने घर का रास्ता ढूंढने में परेशान थी।

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